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उत्तराखंडमें1जुलाई,2016कोचमोलीकेघाटऔरपिथौरागढ़केथलमुनस्यारीऔरधारचूलाक्षेत्रोंमेंबारिशनेतबाहीमचाई.इसदौरानउत्तराखंडकाआपदाप्रबंधनतंत्रपूरीतरहलाचारऔरबेबसदिखा.प्रदेशमेंहुआक्या,संचारउपकरणोंकेअभावमेंवहइसकीसूचनातकनहींजुटासका.प्रदेशकेआपदान्यूनीकरणकेंद्रमेंसूचनाओंकीबाबतमालूमकरनेपरकहागयाकिप्रभावितक्षेत्रमेंमोबाइलऔरसंचारसेवाएंठपहोनेसेसूचनाएंजुटानेमेंदेरलगरहीहै.जिलाधिकारियोंसेबाततकनहींहोपारहीहै.हकीकतमेंहुआक्या,यहठीक-ठीककिसीकोनहींपता.

पिथौरागढ़सबसेअधिकप्रभावित

पिथौरागढ़केपांचगांवइसआसमानीआपदामेंप्रभावितहुए.सबसेज्यादानुकसानकेबस्तड़ीगांवमेंहुआजिसकानामोनिशानहीमिटगया.यहांपांचकिलोमीटरतकमलबाहीमलबानजरआताहै.पिथौरागढ़केजिलाधिकारीहरीशसेमवालकोकनालीछीनासेपैदलबस्तड़ीजानेमेंपांचघंटेलगगए.वहींघटनाकेबादमुख्यालयसेमौकेपरपहुंचनेमेंप्रशासनकोनौघंटेकावक्तलगा.यहउसवक्तहुआजबराज्यशासननेसभीजिलोंकोहाइअलर्टपररहनेकेनिर्देशदिएथे.

केदारआपदाकेबादक्याकदमउठाएगए?

जून2013कीकेदारआपदाकेतीनसालकेबादभीयहसंकटखत्महोनेकेबजाएगहरारहाहै.आपदाउत्तराखंडकीभौगोलिकपरिस्थितियोंकेलिएएकसचाईहै.आपदाकेअनुमानकेलिएराज्यमें64ऑटोमैटिकवेदरस्टेशनस्थापितकिएजानेथे,लेकिनअबतकसिर्फचारहीलगसकेहैं.डॉप्लररडारस्टेशनमौसमकीसटीकभविष्यवाणीकेलिएराज्यमेंवर्षोंसेस्थापितकिएजानेकेइंतजारमेंहीरहगए.मलबेमेंजिंदादबेव्यक्तियोंकीतलाशमेंसहायकहीटसेंसरउपकरणोंकीखरीदअबभीइसप्राधिकरणद्वारानहींकीजासकीहै.राहतऔरबचावअभियानमेंजीपीएसप्रणालीकाउपयोगभीप्रभावीढंगसेअबतकनहींहोपायाहै.

संवेदनशीलगांवोंमेंरहरहेलोगोंकीस्थिति

चमोलीकेघाटक्षेत्रयापिथौरागढ़केबस्तड़ीगांवजितनेहीसंवेदनशील341गांवोंमेंरहनेवालेलोगोंकेसामनेऐसाहीखतरामंडरारहाहै.इनमेंसे69गांवऐसेहैंजोअतिसंवेदनशीलश्रेणीमेंआतेहैं.2013मेंआपदासेहुएभारीविनाशकेबावजूदइनगांवोंकेविस्थापनकीदिशामेंसरकारकोईकदमहीनहींउठापाईहै.इसपरचिंताजतातेहुएबीजेपीकेगढ़वालसांसदएवंपूर्वमुख्यमंत्रीभुवनचंद्रखंडूड़ीनेआपदापरगहरीचिंताव्यक्तकरतेहुएकहाकिमॉनसूनकीशुरुआतमेंहीयदिसरकारकाआपदाप्रबंधनतंत्रनाकामहोगयातोअभीतोपूरीबरसातसामनेहै.उन्होंनेकहाकिजिनक्षेत्रोंमेंसड़कमार्गबहगएहैं,वहांहेलिकॉप्टरसेखाद्यसामग्रीभेजीजानीचाहिए.जबकिराज्यकेमुख्यमंत्रीहरीशरावतनेकहाकिराज्यकेजिनसंवेदनशीलगांवोंकोदूसरीजगहबसानाहै,वेउसकीसूचीकईबारप्रधानमंत्रीएवंवित्तमंत्रीकोसौंपकरउनसेइनगांवोंकेविस्थापनकेलिएमददमांगचुकेहैं.अभीबरसातसेपूर्वभीवेकेंद्रसरकारसेइसकेलिएस्वयंजाकरमांगकरचुकेहैंलेकिनकेंद्रकेकानोंमेंजूंनहींरेंगती.

आपदाकेवक्तसंचारसुविधाओंपरजोर

उनकाकहनाहैकिराज्यकेआपदाप्रबंधनतंत्रकीमजबूतीकेउद्देश्यसेराज्यसरकारनेप्रदेशमेंडॉप्लररडारकोस्थापितकरनेकेलिएभूमिउपलब्धकरादीहै.अबकेंद्रकोइसपरडॉप्लररडारस्थापितकरनाहै.गृहमंत्रीसेसैटेलाइटफोनकेलाइसेंसशुल्कमेंकमीकरनेकाभीअनुरोधकियागयाहै.राज्यमेंसंचारसेवाएंआपदाकेआतेहीठपपड़जातीहैं,ऐसेमेंराज्यकोसैटेलाइटफोनोंकीआवश्यकताहै.राज्यकेंद्रीयगृहमंत्रालयसेइसकेलिएलाइसेंसजारीकरनेकानिवेदनकररहाहै.

पुननिर्माणएवंक्षमताविकासकाप्रोजेक्ट

वर्ष2013कीकेदारनाथत्रासदीकेबादप्रदेशकेलिएपुननिर्माणएवंक्षमताविकासकाप्रोजेक्टस्वीकृतकियागयाथा.3,000करोड़रु.केइसप्रोजक्टमेंरिवरमॉर्फोलॉजीकाभीकामशुरूकियाजानाथा.अबआपदाप्रबंधनविभागकेअपरसचिवसी.रविशंकरकहरहेहैंकिइसकेतहतआबादीकेलिएखतराबनीनदियोंकेसर्वेक्षणकाकामकरनदियोंकोचैनलाइजऔरडायवर्टकरनेकाकामतीनचरणोंमेंकियाजारहाहै.पहलेचरणमेंराज्यकीपांचप्रमुखनदियोंपरआबादीकेलिएखतराबनेस्थानोंयाकटावकीवजहसेभूक्षरणकेशिकारस्थानोंमेंसुरक्षादीवारकानिर्माणहोगा.इसकेलिए45संवेदनशीलपाइंटकोचिन्हितकियागयाहै.

नदियोंकाहुआसर्वे

दूसरेचरणमेंनदियोंकोकुछस्थानोंपरसुरंगकेजरिएगुजारनेकाकामहोगा.तीसरेचरणमेंनदियोंकाडायवर्जनहोनाहै.इसकेतहतजिन,उनमेंभागीरथीकागंगोत्रीसेदेवप्रयागतक205किलोमीटरक्षेत्र,अलकनंदाकाबद्रीनाथसेदेवप्रयागतक190किलोमीटरक्षेत्र,मंदाकिनीकाकेदारनाथसेरुद्रप्रयागतक98किलोमीटरक्षेत्रऔरधौलीगंगाकातवाघाटसेजौलजीवीतक40किलोमीटरक्षेत्रऔरकालीनदीकाजौलजीवीसेपंचेश्वरतक56किलोमीटरक्षेत्रशामिलहै.

सातहेलिकॉप्टरतैनातकरनेकानिर्णय

1जुलाईकोमॉनसूनकीपहलीबारिशमेंराज्यमेंबरसीआसमानीआफतकेबादआपदाकीघटनाओंसेनिबटनेकेलिएसरकारनेराज्यकेअलग-अलगस्थानोंपरसातहेलिकॉप्टरतैनातकरनेकानिर्णयलियाहै.केंद्रसेरातमेंउड़ानभरनेमेंसक्षमदोहेलिकॉप्टरभीमांगेजारहेहैं.राज्यकेआपदासचिवशैलेशबगौलीकेअनुसारनिजीहेलिकाप्टरकंपनियोंसेबातचीतहोभीगईहै,इनमेंसेचारहेलिकॉप्टरोंकोकुमाऊंकेजिलोंमेंऔरतीनकोगढ़वालकेजिलोंमेंतैनातकियाजाएगा.

संकरीघाटियोंमेंबादलफटनेकाखतराज्यादा

भूगर्भवैज्ञानिकराजीवउपाध्यायकहतेहैंकिराज्यकीसंकरीघाटियोंमेंबादलफटनेकाखतरासबसेज्यादारहताहै,लेकिनजानकारीकेअभावमेंफिरभीइनघाटियोंमेंलोगोंकाबसनानिरंतरजारीहै.बीते25सालमेंराज्यमेंआपदाकी18बड़ीघटनाएंहुईहैंजिसमें11बड़ीआपदाएंसंकरीघाटियोंमेंहुईं.वाडियासंस्थानऑफ हिमालयजियोलॉजीकेनिदेशकडॉ.ए.के.गुप्ताकेअनुसारपूरेहिमालयीयक्षेत्रकेभूगर्भीयदरारोंसेयुक्तहोनेकेकारणबारिशकापानीइनदरारोंमेंजानेसेपूरीजमीनढीलीहोजातीहै.इसकारणकभीधीमी,कभीतेजबारिशजमीनकटने,धंसनेऔरभूस्खलनकेखतरेकोआमंत्रणदेतीहै.

पूर्वानुमानकेलिएतकनीककासहारा

ऐसानहींहैकिइसतरहकीतबाहीसेबचनेकोकोईतकनीकहीनहो.आइआइटीरुड़कीकेजलसंसाधनविकासएवंप्रबंधनविभागमेंप्रोफेसरनयनशर्माकेअनुसारप्रत्येकपांचकिलोमीटरमेंबारिशकासटीकआकलनकरडिजिटलएलीवेशनमॉडल(डीईएम)केजरिएनिश्चितहिस्सोंमेंहोनेवालीतबाहीकापूर्वानुमानलगायाजासकताहै.इसकीएकरिपोर्टकाप्रस्तुतीकरण2015केनवंबरमाहमेंजलसंसाधनमंत्रीउमाभारतीकोदियाभीगयाथा.इसकेबादकेंद्रकोभीइसतकनीकपररिपोर्टभेजीगई.लेकिनकेंद्रसेइसपरकोईप्रतिक्रियानहींमिलीजबकियदिकेंद्रचाहेतोइसकेतबाहीकेबारेमेंसटीकभविष्यवाणीकाआकलनकियाजासकताहै.इसकेउपयोगसेबारिशकापूर्वानुमानकरनदियोंमेंपानीकेप्रवाहकीक्षमताबढ़ाईजासकतीहै.इसकेलिएनदियोंकोचैनलाइजकरनेकीखातिरउनकीलंबाई-चौड़ाईकोजरूरतकेहिसाबसेविकसितकरनेकाकामहोसकताहै.पहाड़ोंकाभूस्खलनरोकनेकेलिएरॉकबोल्टिंगतकनीककाप्रयोगकरउन्हेंमजबूतीदीजासकतीहै.