छत्तीसगढ़मेंसभीजगहन्यूनतमसमर्थनमूल्य(MSP)परधानकीखरीदनहींहोरहीहै।सरकारनेधानकासमर्थनमूल्य1950रुपएप्रतिक्विंटलतयकियाहै।सरकारीखरीदकेंद्रोंपर1940से1960रुपएप्रतिक्विंटलमेंधानजरूरखरीदीजारहीहै,लेकिनसरकारीमंडियोंमें1370रुपएप्रतिक्विंटलसेज्यादाधानकीबोलीनहींलगरहीहै।इससेनाराजहोकरकिसानोंनेमंडियोमेंधानबेचनेसेमनाकरदियाहै।
राजिमकृषिउपजमंडीमेंशनिवारकोकिसानधानबेचनेआएतोव्यापारियोंनेएकहजाररुपएप्रतिक्विंटलसेबोलीशुरूकी।अंतिमबोली1370रुपएपरजाकररुकी।शुक्रवारकोयहांअधिकतमकीमत1570रुपएप्रतिक्विंटलमिलाथा।इतनीकमकीमतसुनकरकिसानभड़कगए।आपसमेंबातचीतकरनेकेबादकिसानोंनेइसकीमतपरधानबेचनेसेमनाकरदिया।मंडीमेंधानबेचनेआएपीपरछेड़ीकेकिसानबिष्णुरामसाहू,किरवईकेरामभरोसासाहूसमेतकईकिसानोंनेकहा,इतनीकमकीमतपरफसलबेचकरतोलागतभीनहींनिकलपाएगी।औने-पौनेदामपरउपजबेचनामंजूरनहींहै।
मंडीटैक्सबढ़ानेकाभीअसर
किसानोंकाकहनाहै-यहमंडीटैक्सबढ़ानेकाभीअसरहोसकताहै।सरकारनेटैक्सको2%सेबढ़ाकर5%करदियाहै।यहटैक्सव्यापारीकोदेनाहै।लेकिनवेलोगकिसानोंसेहीइसकीभरपाईकररहेहैं।वे200से250रुपएकमबोलीलगारहेहैं।
मंडीअधिनियमकापालननहींकरातीसरकार
कृषिउपजमंडीराजिममेंसरनाधानबेचनेआएतेजरामविद्रोहीनेकहाकिकृषिउपजमंडीमेंखुलीबोलीकेमाध्यमसेकिसानोंकेउपजकीखरीदीहोतीहै।बोलीकेलिएआधारमूल्यनिर्धारितनहींहोनेसेउपजकासहीदामनहींमिलपाताहै।कृषिउपजमंडीअधिनियमकीधारा36.3मेंइससेबचानेकीव्यवस्थाहै।इसमेंकहागयाहै,जिसभीफसलकासमर्थनमूल्यतयकियागयाहैउससेकमपरबोलीनहींलगाईजाएगी।सरकारइसकापालनहीनहींकराती।मंडीअफसरोंकाकहनाहै,MSPसेकमपरबिक्रीरोकनेकाप्रावधानतभीहोसकताहैजबदामराज्यसरकारनेतयकिएहो।यहांMSPकेंद्रसरकारतयकरतीहै,इसलिएउसपरनियंत्रणनहींहै।
एकदिसंबरसे3रुपएबढ़गयाहैशुल्क
कृषिविभागकेसचिवडॉ.कमलप्रीतसिंहकेहस्ताक्षरसे30नवंबरकोएकअधिसूचनाजारीहुईथी।इसमेंशुल्ककेनएप्रावधानकिएगएथे।इसअधिसूचनाकेमुताबिककृषिउपजकेविक्रयपरप्रत्येक100रुपएपर3रुपएकीदरसेमंडीशुल्कऔर2रुपएकीदरसेकृषककल्याणशुल्कदेनाहोगा।दलहनी-तिलहनीफसलोंकेलिएमंडीशुल्कएकरुपएऔरकृषककल्याणशुल्क50पैसातयहुआहै।नईव्यवस्थाएकदिसम्बरसेलागूहै।पहलेकेवलमंडीशुल्ककेवल2रुपएहुआकरताथा।20पैसानिराश्रितकल्याणकेनामपरलियाजाताथा।
क्योंजानापड़ताहैमंडी?
दरअसल,सरकारधानखरीदीकेंद्रमेंमिनिममसपोर्टप्राइस(MSP)औरबोनसइनदोनोंकीराशिसेप्रतिक्विंटलकेहिसाबसेधानखरीदतीहै।लेकिनयहप्रतिकिसानतयहैकिसरकारकिसानसेकितनाधानखरीदेगी।किसानोंकीजमीनमेंएकएकड़मेंऔसतन20से25क्विंटलधानकाउत्पादनहोताहै।मगरसरकारकेवल15क्विंटलधानहीखरीदतीहै।
ऐसेमेंकिसानोंकोअतिरिक्तफसलमंडीमेंबेचनेकीमजबूरीहै।इसीबातकाफायदाकईबारमंडीव्यापारीउठातेहैंऔरकमदाममेंधानकीबोलीलगातेहैं।इसीवजहसेअबकिसानोंकीमांगहैकिजबसरकार1950मेंखरीदरहीहैतोमंडीमेंबोलीलगानेवालेव्यापारियोंकोभीउसीदामपरखरीदनाचाहिए,क्योंकिधानतोएकहीहै,उसमेंकोईफर्कनहींहैतोफिरदाममेंफर्कक्यों।
सोमवारकोसमझौताकराएगाप्रशासन
किसानोंनेबताया,विवादकीसूचनाकेबादवहांपहुंचेराजिमतहसीलदारनेकिसानोंसेबातकीहै।उन्होंनेइसपरबातचीतकेलिएसोमवारसुबह9.30बजेकावक्तदियाहै।कहागयाहै,बोलीशुरूहोनेसेपहलेकिसानों,व्यापारियोंऔरमंडीप्रशासनकेबीचबातचीतकराईजाएगी।इसमेंतयकरनेकीकोशिशहोगीकिकिसानोंकोअधिकनुकसाननहाे।