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नयीदिल्ली,17दिसंबर(भाषा)नयेकृषिकानूनोंकोवापसलेनेकीमांगकररहेकिसानोंकेआंदोलनकेजोरपकड़नेकेबीचकेंद्रसरकारनेइनकानूनोंकेलागूहोनेकेबादअनुबंधखेतीसेलाभान्वितहुएकिसानोंकीसफलताकीकहानीबयांकरनेवालीएकई-पुस्तिकाबृहस्पतिवारकोजारीकी।‘‘अन्नदाताओंकेहितोंकोसमर्पितमोदीसरकार’’शीर्षकवाली100पृष्ठोंकीइसई-पुस्तिकामेंसरकारनेस्पष्टकियाहैकिइनकानूनोंसे‘‘क्यानहींहोगा’’और‘‘किसानोंकेलिएक्याबेहतरहोगा’’।सरकारकीओरसेइसपुस्तिकाकेजरिएयहभीस्पष्टकियागयाहैकिपिछलेछहवर्षोंमेंकेंद्रमें(नरेंद्र)मोदीसरकारनेकृषिक्षेत्रमेंचरणबद्धतरीकेसेसुधारकिएहैंऔरइसकेप्रत्येकचरणमेंकिसानोंकीजरूरतोंकोध्यानमेंरखागया।सरकारनेकहाकिसितंबरमेंलागूकिएगएतीनकृषिकानून‘‘दोदशकोंतककिएगएविचार-विमर्श’’केबादलागएहैं।दिल्लीकीसीमाओंपरकिसानपिछले20दिनोंसेइननयेकृषिकानूनोंकेखिलाफप्रदर्शनकररहेहैं।येकृषिकानूनहैं--किसानउपजव्यापारएवंवाणिज्य(संवर्धनएवंसुविधा)कानून,किसान(सशक्तिकरणएवंसंरक्षण)मूल्यआश्वासनअनुबंधएवंकृषिसेवाएंकानूनऔरआवश्यकवस्तु(संशोधन)कानून।किसानसंगठनोंनेसरकारकोचेतावनीदीहैकियदिइनकानूनोंकोरद्दनहींकियागयातोदिल्लीऔरनोएडाकीसीमाचिल्लाबॉर्डरकोवेपूरीतरहसेअवरूद्धकरदेंगे।केन्द्रसरकारजहांतीनोंकृषिकानूनोंकोकृषिक्षेत्रमेंबड़ेसुधारकेतौरपरपेशकररहीहै,वहींप्रदर्शनकारीकिसानोंनेआशंकाजताईहैकिनएकानूनोंसेएमएसपी(न्यूनतमसमर्थनमूल्य)औरमंडीव्यवस्थाखत्महोजाएगीऔरऔरवेबड़ेकॉरपोरेटपरनिर्भरहोजाएंगे।सरकारनेइनकानूनोंसेलाभान्वितहुएकिसानोंकाब्योरादेतेहुएकहा,‘‘उत्तरप्रदेशकेअलीगढ़जिलेकेकरीब1,300किसानोंनेफॉर्च्यूनराइसकंपनीकेसाथसमझौताकियाहै,जिसकेतहतवहनिर्यातकेयोग्यधानउपजाएंगे।इससेउनकीआयमें15-20प्रतिशतकीबढ़ोतरीहोगी।’’इसीप्रकारसरकारनेबतायाकिउत्तरीगुजरातमेंकरीब2,500आलूकिसानोंनेआलूप्रसंस्करणकरनेवालीकंपनीहाईफनफूड्सकेसाथसमझौताकियाहै।पुस्तिकाकेमुताबिक,‘‘इसकेजरिएवेप्रतिएकड़40हजाररुपयेसेज्यादाकीअतिरिक्तकमाईकररहेहैं।पंजाब,उत्तरीहरियाणाऔरपश्चिमीउत्तरप्रदेशके1,000सेज्यादाकिसानोंनेटेक्नोएग्रीसाइसेंजलिमिटेडकेसाथसमझौताकियाहै।समझौतेकेतहतकिसानोंकोलागतसे35प्रतिशतज्यादालाभगारंटीकेसाथमिलरहाहै।’’