संसू,कसेंदा:खेतीमेंसब्जियांउगाकरअपनीजीवनकाआधारबनानेवालेकिसानोंपरइनदिनोंकोरोनाकाग्रहणलगाहुआहै।उनकीरातदिनकीमेहनतसेतैयारसब्जियांखेतोंमेंसड़रहेहैं।उनकेखरीदारहीनहींमिलरहेबिकतेभीहैंतोउतनेदामोंमेंउनकेलागतभीनिकलनामुश्किलहोरहाहै।सब्जीबिक्रीसेमिलेरुपयेमंडीतकसब्जियांपहुंचानेकेवाहनोंकेभाड़ामेंहीखर्चहोजारहेहैं।ऐसेमेंकिसानोंकोअपनेरोजी-रोटीचलानेमेंपरेशानीहोहीरहीहैसाथसब्जियोंकोउगानेकेलिएखेतीपरकिएगएखर्चपरकाफीनुकसानहोरहाहै।
गंगाऔरयमुनाकेकछारीइलाकोंमेंसब्जियोंकीखेतीकाफीमात्रामेंहोतीहै।गर्मियोंमेंलोगोंतकहरीसब्जियांपहुंचानेऔरअपनीअच्छीकमाईकरनेकेलिएठंढीकेदिनजातेहीकिसानोंनेनेनुआ,तुरई,लौकी,कद्दूकीखेतीकररहेहै।औररातदिनकेकिसानोंकीमेहनतपसीनेसेसब्जियांइनदिनोंतैयारहै।इनदोनोंकोरोनामहामारीकेदूसरीलहरभीअपनेपांवपसाररखेहैं।जिसेलेकरजनमानसकोबचानेकेलिएकोरोनाकर्फ्यूप्रदेशमेंलगायागयाहै।जिससेबाजारों,दुकानेआदिबंदहैं।जिसकेचलतेसब्जियोंकाउचितमूल्यतोमिलनामुश्किलहोरहाहै।साथबिक्रीकरनेमेंभीपरेशानीहोरहीहै।नतीजतनखेतोंमेंहीकिसानोंकीलौकी,कद्दू,नेनुआआदिसब्जियांसड़रहीहै।विकासखंडचायलकेकसेंदानिवासीअनिलकुमार,शंकरलाल,संजयकुशवाहा,आदिकिसानोंनेबतायाकिकरीबदसबीघेमेंभिडीबरबटीबंदगोभीसहितविभिन्नप्रकारकीसब्जियांलगारखीहै।जिसकेसहीमूल्यनमिलनेसेलागतआनामुश्किलहोरहाहै।मंडीमेंखरीदारनहींपहुंचरहेजिससेउन्हेंसब्जियांबेचनेमेंपरेशानीहोरहीहै।स्थितियहहैकीखेतोंमेंहीसब्जियांसड़रहीहै।औरकिसानोंकीजमापूंजीखर्चकरनेकेबादतैयारफसलखेतोंमेंबजबजारहीहै।ऐसीस्थितिसेकिसानोंकोकाफीनुकसानसहनकरनापड़रहाहै।स्थानीयबाजारलगेतोमिलेसहूलियत
कसेंदा:चायलतहसीलक्षेत्रकेकिसानराजेन्द्र,मिथिलेश,रंजीतयादव,पिटू,आदिकिसानोंनेबतायाकियदिकिसीनिर्धारितसमयअनुसारयदिक्षेत्रकीबाजारेंलगेंतोकिसानोंकीसब्जियोंकीखपतहोसकतीहै।औरकिसानोंकोसब्जियांनबिकनेकीसमस्याखत्महोसकतीहै।कोरोनानियमोंकोपालनकरतेहुएशासनद्वारायदिएकसेदोघंटेकाभीसमयबाजारलगानेकामिलेतोसब्जीव्यापारीकिसानोंकीसब्जीखरीदनेआगेआनेलगेंगे।जिससेकिसानोंकोसब्जियांनाबिकनेकीसमस्यासेनिजातमिलेगी।चायलक्षेत्रमेंकादिलपुर,अकबरपुर,तिल्हापुरमोड़,चायल,मनौरी,लोधउर,नेवादा,पुरखास,सरायंअकिल,चौराडीह,काजू,चरवाआदिस्थानोंपरबाजारलगतीहै।
किसानोंकादर्द
सब्जिमंडीमेंखरीदारीहीनहींपहुंचरहेहैं।जिससेसब्जियांतोड़नेसेलेकरमंडीपहुंचेतककावाहनखर्चऔरमेहनतनिकलपानाहीमुश्किलहोरहाहै।आसपासकीबाजारोंमेंभीयहीस्थितिहै।
-शारदाकुशवाहादिनरातमेहनतकरविभिन्नप्रकारकीसब्जियांतैयारहुईहै।इनकेबीचवखाददवापरहजारोंरुपयेखर्चभीहोचुकेहैं।जोअबनिकलनामुश्किलहै।ऐसीमेंखेतीकिसानीसेमनटूटरहाहै।
-रामसुमिरन-गर्मीकेकड़ीधूपमेंपसीनाबहाकरसब्जियांतैयारहुईहै।अबइन्हेंकोईखरीदनेवालाहीनहींमिलरहाहै।मंडीऔरबाजारोंमेंभीउचितमूल्यक्याबिकनानहींमुनासिबहै।
रामकुमारबीजसेलेकरखादपानीमेंअबतकहजारोंरुपयेकीजमापूंजीसब्जियांतैयारकरनेमेंखर्चहोचुकीहै।कमाईकायेजरियानुकसानसाबितहोरहाहै।अगरसब्जियांनबिकीतोबहुतहीनुकसानसहनकरनापड़ेगा।
गिरधारीकुशवाहा