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नयीदिल्ली,आठनवंबर(भाषा)उच्चतमन्यायालयमेंएकयाचिकादायरकरपर्यावरण,वनएवंजलवायुपरिवर्तनमंत्रालयकी2018कीएकमसौदाअधिसूचनाकोचुनौतीदीगईहैजिसमेंछहराज्योंमेंफैले56,825वर्गकिलोमीटरकेक्षेत्रकोपश्चिमीघाटपारिस्थितिकीसंवेदनशीलक्षेत्र(ईएसए)केतौरपरचिन्हितकियागयाथा।पश्चिमीघाट,गुजरात,महाराष्ट्र,गोवा,कर्नाटक,केरलऔरतमिलनाडुमेंफैलेहैं,औरयूनेस्कोनेइन्हेंदुनियाकेआठसबसेमहत्वपूर्णजैवविविधतावालेस्थलोंमेंसेएकमानाहै।अधिवक्तासुवीदत्तएमएसकेजरियेगैरसरकारीसंगठन‘कर्शकाशब्दम’द्वारादायरयाचिकामेंकेंद्रऔरकेरलकोयहनिर्देशदेनेकाअनुरोधकियागयाहैकिवेपश्चिमीघाटपारिस्थितिकीविशेषज्ञसमिति(डब्ल्यूजीईईपी)जिसेगाडगिलसमितिकेतौरपरभीजानाजाताहैऔरउच्चस्तरीयकार्यसमूह(कस्तूरीरंगनसमिति)कीसिफारिशोंकोलागूनकरे।केरलस्थितगैरसरकारीसंगठनने2018कीमंत्रालयकीअधिसूचनाकोअसंवैधानिकघोषितकियेजानेकीमांगकीक्योंकियहयहसंविधानकेअनुच्छेद21मेंप्रदत्तजीवनवआजीविकाकेअधिकारसेकिसानोंकोदूरकरताहै।मंत्रालयने2010मेंमाधवगाडगिलकीअध्यक्षतामेंएकविशेषज्ञसमितिकागठनकियाथाजिसकाउद्देश्यघाटोंकेसंरक्षणकेलियेरणनीतिबनानाऔरउनकेस्थायित्वकेपहलूपरज्यादाजोरदेनाथा।समितिने2011मेंअपनीरिपोर्टदी।विभिन्नलोगोंऔरसंस्थाओंद्वारागाडगिलसमितिकीरिपोर्टकीआलोचनाकेबाद2013मेंकेकस्तूरीरंगनकीअध्यक्षतामेंएकउच्च-स्तरीयकार्यसमूहगठितकियागयाजिसकाकामरिपोर्टऔरडब्ल्यूजीईईपीकीअनुशंसाओंकापरीक्षणथा।कस्तूरीरंगनसमितिनेउसीसालअपनीरिपोर्टसौंपदीथी।एनजीओनेकहाकि2018कीअधिसूचनाकेलागूहोनेसेकेरलमेंलाखोंकिसानोंकीआजीविकाप्रभावितहोगीक्योंकिउनकीकृषिभूमिचिन्हितपारिस्थितिकीसंवेदनशीलक्षेत्र(ईएसए)मेंआएगी।