बांका।लॉकडाउनकेकारणइसबारफसलकीकटाईकेलिएकिसानोंकोमजदूरनहींमिलनेपरअधिसंख्यकिसानोंनेगेहूंकीकटाईकेलिएहार्वेस्टरकासहारालिया।इससेकटाईतोशीघ्रहोगई,लेकिनपशुओंकेलिएचारेकासंकटहोगया।
पिछलेसालयहस्थितिनहींथी।केवलबड़ेकिसानोंनेहार्वेस्टरकाप्रयोगकियाथा,जबकिछोटेकिसानोंनेखुदवमजदूररखकरगेहूंकीकटाईकीथी।इसकेबादखलिहानमेंथ्रेसरकेमाध्यमसेदौनीकरवायाथा।इससेपशुओंकेलिएपर्याप्तभूसातैयारहोगयाथा,लेकिनइसबारऐसानहींहोसका।फरवरीऔरमार्चमेंबेमौसमबारिशनेफसलोंकोपहलेहीतबाहकियाथा।इससेइसबारगेहूंकेदानेछोटेथे।लॉकडाउनकेकारणएकतोपहलेहीमजदूरकासंकटथा।दूसरीओरजोभीमजदूरथे,वेखराबफसलकोदेखकरकटाईनहींकरनाचाहतेथे।इसकाअसरभूसेपरपड़ा।पिछलेसालकीतुलनामेंइससालज्यादाकीमतपरभूसेकीबिक्रीहोरहीहै।
ग्रामीणक्षेत्रोंमेंपशुचारेकासंकट
पशुपालनविभागकेआंकड़ेकेअनुसारजिलेमेंकरीबछहलाखपशुहैं।लगभग90फीसदपशुग्रामीणक्षेत्रोंमेंहैं।इससेग्रामीणक्षेत्रोंमेंदुग्धउत्पादनभीज्यादाहोताहै।लेकिनलॉकडाउनकेकारणग्रामीणक्षेत्रोंमेंपशुचारेकासंकटउत्पन्नहोगयाहै।सुधाडेयरीकीओरसेभीसुधानसहितअन्यउत्पादोंकीआपूर्तिपशुओंकेलिएकीजातीथी।वहभीफिलहालनकेबराबरहोरहाहै।पशुपालकरितेशचौधरीनेबतायाकिवेलोगपहलेस्थानीयस्तरपरभीपशुचारेकीव्यवस्थाकरलेतेथे,लेकिनवहभीअभीमुश्किलहोगयाहै।दरअसल,अभीअधिसंख्यदालमील,चावलमील,तेलमीलबंदहैं।इससेचोकर,ब्रांड,खल्ली,दालआदिकीआपूर्तिबाधितहै।
लॉकडाउनकेदौरानकिसानोंकोकिसीतरहकीपरेशानीनहोइसकेलिएविभागकीओरसेलगातारमॉनीटरिगकीजारहीहै।फिलहालयहांपरपशुचारेकीसंकटनहींहै।किसीभीकिसाननेइससेसंबंधितशिकातयनहींकीहै।
-डॉ.विपिनबिहारीसिंह,जिलापशुपालनपदाधिकारी,बांका।