गणेशजोशी,हल्द्वानी:नेशनलडिजिटलहेल्थईकोसिस्टमसेभौगोलिकदृष्टिसेजटिलउत्तराखंडमेंस्वास्थ्यसुविधाओंकोविस्तारमिलेगा।जहांअस्पतालनहींहैंऔरविशेषज्ञोंकाअभावहै।ऐसेजगहोंपरटेलीमेडिसिनकीसुविधाएंबढ़ानेसेलोगलाभान्वितहोंगे।वहींमानसिकस्वास्थ्यनेशनलमेंटलहेल्थप्रोग्रामभीमीलकापत्थरसाबितहोगा।
आइएमएकेप्रदेशअध्यक्षडा.जेएसखुरानानेजागरणसंवाददाताकोबतायाकिभारतसरकारनेआमबजटमेंआत्मनिर्भरस्वास्थ्ययोजनाकेतहतस्वास्थ्ययोजनामें153प्रतिशतइजाफाकियागयाहै।इसे94हजारसे2.38करोड़रुपयेकियागयाहै।यहअच्छीपहलीहै।इससेभीअच्छायहकिटेलीमेडिसनकोबढ़ावादियाजानाहै।अभीभीराज्यकेअधिकांशक्षेत्रोंमेंस्वास्थ्यसुविधाओंकाअभावहै।ऐसेमेंटेलीमेडिसिनकीसुविधासेमरीजघरबैठेलाभउठासकेंगे।वहीं75हजारग्रामीणहेल्थसेंटरखोलनेकाप्रयासभीराज्यहितमेंनजरआएगा।डा.खुरानानेकहाकिग्रामीणक्षेत्रोंमेंस्वास्थ्यसुविधाएंबढ़ेंगीतोदेशआगेबढ़ेगा।
वरिष्ठमनोचिकित्सकडा.रविसिंहभैंसोड़ानेकहाकिनेशनलमेंटलहेल्थप्रोग्राममें23ऐसेसंस्थानोंकोसाथमिलायाजाएगा,जोइसक्षेत्रमेंकामकररहेहैं।मानसिकस्वास्थ्यपरामर्शकेलिएनेशनलटेलीमेंटलहेल्थप्रोग्रामअच्छाकदमहै।इसतरहकेसेवाओंसेलोगमानसिकरूपसेहोनेवालीपरेशानियोंसेनिजातपासकेंगे।मानसिकस्वास्थ्यकेप्रतिलोगोंकीजानकारीबढ़ेगी।उत्तराखंडमेंमानसिकस्वास्थ्यकेंद्रोंकीकमीहै।ऐसेमेंभारतसरकारकीयहव्यवस्थाराज्यकेलिएभीलाभदायकसाबितहोगी।
डा.रविकाकहनाहैकिविश्वस्वास्थ्यसंगठनकीरिपोर्टकेअनुसारभारतमेंअवसादकेमामलेतेजीसेबढ़ेहैं।भारतमेंप्रतिएकलाखकीजनसंख्यापर0.3मनोचिकित्सक,0.07मनोविज्ञानीऔरसामाजिककार्यकर्ताहैं।