संवादसूत्र,खप्टिहाकला(बांदा):मौसमकीकरवटनेकिसानोंकेचेहरेपरमुस्कानलादी।देररातजहांशहरमेंकुछदेरबारिशहुई,वहींग्रामीणइलाकोंमेंकुछजगहोंपरमूसलाधारबारिशसेखेततरहोगए।रबीकीफसलकेलिएपलेवाकोपानीकीचाहतपूरीहोतेहीअन्नदाताओंनेराहतकीसांसली।हालांकिखरीफकीफसलकेलिएपानीफायदेमंदबतायाजाताहै।किसानोंकाकहनाहैकिसरसों,मटरवअलसीकेलिएपानीकीजरूरतनहींथी,परबोआईकेलिएपानीकीकमीकीचिताजरूरदूरहोगई।
पैलानीतहसीलक्षेत्रमेंरविवाररातएकाएकझमाझमबारिशहुई।रबीफसलकेलिएपलेवाकरनेकोकिसानोंकोपानीकीजरूरतथी।सूखेहुएअपनेखेतोंकीबोआईबिनापानीकेकैसेकरेंगे,यहचितासतारहीथी।किसीतरहबीजकाइंतजामकरलियापरमहंगाईकेदौरमेंनिजीसंसाधनोंसेपानीकीउपलब्धताबड़ीसमस्याबनीथी।किसानकहतेहैंकिबारिशसेवहचितादूरहोगई।कस्बेकेकिसानोंनेनिजीनलकूपोंसेकहीं-कहींपलेवाशुरूभीकरदीथी,परकमजोरतबकेकेअन्नदाताओंकेसामनेसमस्याथी।रातमेंहुईबारिशसेऐसेकिसानोंकेचेहरेपरखुशीकीलहरदौड़गई।अबकिसानबिनाकिसीदेरीकेसमयसेहीअपनेखेतोंकीबोआईकरसकेंगे।हालांकिकुछजगहोंपरकिसानलाहीवमटरकीबोआईकरचुकेहैं,वहांखेतोंपरतेजबारिशकीवजहसेकहींकहींकुछनुकसानकीसंभावनाजरूरबनगईहै।पुन:एकबारबोआईकरनीपड़सकतीहै।जहांबीजअंकुरितहोचुकेहैं,उनकिसानोंकोभीफायदाहीहै।
तहसीलक्षेत्रकेखप्टिहाकला,साड़ी,खरेई,रेहुंटा,निवाइच,पिपरहरी,अमलोर,पैलानी,अतरहट,पपरेंदावपलराआदिगांवमेंमूसलाधारबारिशकेचलतेकिसानोंकोराहतमिलीहैऔरफसलोंकोसमयपरबोनेकीआसजगीहै।वहकहतेहैंकिनसिर्फपलेवाकापैसाबचाहै,बल्किसमयकीभीबचतहुईहै।
खप्टिहाकलानिवासीकिसानकृपाशंकरद्विवेदीकाकहनाहैकिअबकिसानोंकोनिजीनलकूपोंसेपलेवाकेलिएपानीनहींलगानापड़ेगा।ज्यादापैसेपलेवामेंलगनेकेचलतेवर्षासेबोआईहोजाएगी।
पैलानीडेरानिवासीमुन्नानिषादकाकहनाहैकिवर्षासेकिसानोंकोराहतमिलीहैऔरपलेवाकेपानीमेंलगनेवालारुपयाअबबीजऔरखादमेंलगेगा,इससेकिसानकोराहतमिलेगी।
किसानसज्जनतिवारीकाकहनाहैकिसहीसमयपरबाकिषसेमसूर,मटर,सरसोंआदिकीफसलतैयारकीजासकेगीऔरकिसानोंकोइनफसलोंसेआमदनीभीहोगी।