संवादसूत्र,मलोट(श्रीमुक्तसरसाहिब)
धानकी¨सचाईकेलिएआठघंटेबिजलीसप्लाईपूरीनमिलनेसेगुस्साएगांवबलोचकेरांकेकिसानोंनेवीरवारकीदेरशामकोमलोटसेसीतोरोडपरधरनालगाकरयातायातठपकरदिया।इसदौरानउन्होंनेराज्यसरकारवपावरकॉमकेखिलाफजमकरनारेबाजीभीकी।किसानोंनेकहाकिबिजलीकर्मचारीउन्हेंजानबूझकरपरेशानकररहेहैं।उन्हेंएकसप्ताहसेसहीढंगसेबिजलीनहींमिलरहीहैजिसकारणउन्हें¨सचाईकरनीमुश्किलहोगईहै।उनकेखेतोंमेंखड़ाधानसूखरहाहै।जबवहकर्मचारियोंकेपासजातेहैंतोवहकभीसुबहसभीरातकोबिजलीआनेकालारालगातेरहतेहैं।उन्हेंसहीसमयकापताहीनहींचलता।उन्हेंपूरीआठघंटेबिजलीसप्लाईभीनहींदीजाती।कभीचारघंटेतोकभीपांचघंटेहीबिजलीसप्लाईमिलतीहै।ऐसेमेंधानकी¨सचाईनहींहोरहीहै।किसानोंकीओरसेलगाएगएइसधरनेकेकारणलोगोंकोभारीपरेशानीझेलनीपड़ी।डिफेंसरोडहोनेकेकारणलोगोंकोदिक्कतउठानीपड़ी।करीबएकघंटाचलेइसधरनेकेदौरानथानालंबीपुलिसवविभागकेएसडीओमौकेपरपहुंचे।उन्होंनेप्रदर्शनकारियोंकोविश्वासदिलायाकिउन्हेंकलसेहीआठघंटेबिजलीसप्लाईमिलेगीऔरवहभीउन्हेंसहीसमयमेमिलेगी।जिसकेबादकिसानोंनेअपनाधरनासमाप्तकिया।
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