बता दें कि सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड व शव गृह के बाहर नैस्ले कंपनी द्वारा भले ही लाखों रुपये की लागत से शौचालय बनाए 6गए थे। जिनकी सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से देखभाल न होने के चलते उक्त शौचालय आज कूड़ा-कर्कट व गंदगी के ढेरों के बीच में दबते जा रहे हैं। ऐसे में सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके तामीरदार शौचालय की सुविधा बेहतर न होने से परेशान हैं।

मंत्र एप बचाएगा जच्चा-बच्चा की जान

देवरिया:मातृएवंशिशुमृत्युदरकोकमकरनेकेलिएस्वास्थ्यविभागअबमंत्रएपकासहारालेगा।मांनवजातट्रैकिगएप(मंत्र)सेजुड़करडिलीवरीसेंटरडि

सेवा भाव से चिकित्सक मरीजों का करें उपचार

जागरणसंवाददाता,ज्ञानपुर:लोगोंकोस्वास्थ्यसुविधामुहैयाकराएजानेवस्वस्थरहनेकीजानकारीदेनेकेउद्देश्यसोमवारकोविभिन्नविभागोंकीओर